Contract Employees Latest News: अनियमित कर्मचारियों पर गिरी गाज, नौकरी से निकालने का आदेश जारी / Image Source: IBC24 Customized
विदिशा: Contract Employees Latest News मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के अंतर्गत आने वाली गंजबासौदा तहसील में सार्थक ऐप से छेड़खानी कर फर्जी उपस्थिति लगाए जाने का मामला सामने आया है। इस पर उच्च शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए 6 अतिथि विद्वानों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया है। सार्थक ऐप फर्जी उपस्थिति लगाने के मामले में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 6 अतिथि विद्वानों का पर कार्रवाई की गई है।
Contract Employees Latest News दरअसल यह सभी अतिथि शिक्षक गंजबासोदा के शासकीय कन्या महाविद्यालय में पदस्थ थे जो अन्य किसी स्थान से ऐप में छेड़खाड़ी कर उपस्थित दर्ज करते पकड़े गए। विभागीय अधिकारियों के अनुसार उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। फर्जी उपस्थिति दर्ज करने वाले अतिथि विद्वानों में प्रकाश चंद मौर्य, हेमंत कुमार अहिरवार, हेमंत कुमार सक्सेना, सूर्यकांत शर्मा, डॉक्टर सरताज मंजू पर्रे और संजय कुमार राय शामिल है।
उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किए गए पत्र में अतिथि विद्वानों के आमंत्रण को तत्काल निरस्त करने के आदेश जारी किए हैं। बता दें कि उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने अतिथि विद्वानों द्वारा शैक्षणिक परिवेश को दूषित करने को गंभीरतापूर्वक लेकर विभागीय अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
सार्थक ऐप में क्या गड़बड़ी की गई थी?
सार्थक ऐप फर्जी उपस्थिति मामला में अतिथि विद्वानों ने कॉलेज आए बिना ऐप से उपस्थिति दर्ज की थी, जो सिस्टम के साथ धोखाधड़ी है।
किन शिक्षकों पर कार्रवाई की गई है?
सार्थक ऐप फर्जी उपस्थिति मामला में प्रकाश चंद मौर्य, हेमंत कुमार अहिरवार, हेमंत कुमार सक्सेना, सूर्यकांत शर्मा, डॉ. सरताज मंजू पर्रे और संजय कुमार राय को बर्खास्त किया गया है।
यह घटना किस कॉलेज की है?
सार्थक ऐप फर्जी उपस्थिति मामला मध्यप्रदेश के गंजबासौदा स्थित शासकीय कन्या महाविद्यालय की है।
कार्रवाई किसके निर्देश पर की गई?
सार्थक ऐप फर्जी उपस्थिति मामला में कार्रवाई उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के निर्देश पर की गई है।
क्या आगे और भी शिक्षकों पर कार्रवाई हो सकती है?
हां, सार्थक ऐप फर्जी उपस्थिति मामला में यदि और शिक्षक दोषी पाए जाते हैं तो विभाग आगे भी जांच के आधार पर कार्रवाई कर सकता है।