ग्वालियर : Gwalior Ashram Loot Case: ग्वालियर के घाटीगांव वनखंडी आश्रम में घुसकर जूना अखाड़े के महंत शिवानंद गिरी पर हमला कर लूट करने वाले मास्टरमाइंड को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसके पास से पुलिस ने लूटी गई कार, लेपटॉप बरामद कर लिया है। आरोपी ने लोगो से सुना था कि आश्रम के महंत पर काफी सारा पैसा है। इसलिए उसने अपने दो साथियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। लूट में शामिल दो आरोपी अभी भी फरार है। वही पुलिस आरोपी से पूछताछ में जुट गई है।
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Gwalior Ashram Loot Case: दरअसल घाटीगांव थाना क्षेत्र के घाटीगांव के जंगल में स्थित वनखंडी आश्रम में गुरुवार की देर रात को महंत शिवानंद गिरी पर तीन लुटेरों ने लोहे की रॉड से हमला कर उन्हें और उनके शिष्य को घायल कर उनकी कार, लैपटॉप, दो मोबाइल और 50 हजार रुपया नगद लूट लिया था। जिसे पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और टेक्निकल साक्ष्य के आधार पर तीन दिन बाद लूट का मास्टरमाइंड देवी सिंह प्रजापति निवासी बानमौर मुरैना से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने पूछताछ में खुलासा किया है कि लूट का प्लान दीपू गुर्जर निवासी सातऊं कंपू ने बनाया था। क्योंकि दीपू का घाटीगांव आना जाना रहता है। दीपू ने बताया था आश्रम में दिन में तो लोगों की आवाजाही रहती है।
Gwalior Ashram Loot Case: रात को महंत अकेले रहते हैं। उनके पास काफी पैसा मिल सकता है। इसी उम्मीद में प्रदीप राजपूत निवासी बानमौर को भी साथ लेकर तीनों शाम को ही घाटीगांव पहुंचे थे। वारदात से पहले आश्रम के पास मंडरा कर रैकी की। क्योंकि पता था महंत के कुछ चेले गांजा पीने उनके पास आते हैं। लेकिन आश्रम में कितने लोगों की बैठक होती है यह नहीं मालूम था इसलिए देर रात तीनों भैंस खो जाने का बहाना कर आश्रम में घुसे और महंत से भैंस के बारे में पूछने का नाटक किया। इतनी देर में आश्रम का माहौल भांपकर निकल आए। फिर करीब 30 मिनट बाद दोबारा जाकर महंत पर हमला कर लूट लिया था। पुलिस ने लूटी गई कार और लैपटॉप बरामद कर लिया है।
Gwalior Ashram Loot Case: फरियादी शिवानंद गिरी ने एसपी ऑफिस पहुँचकर सुरक्षा की मांग की है। वही पुलिस ने गिरफ्तार किए गए आरोपी से अन्य लूट की वारदातों को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है और फरार उसके दो साथी प्रदीप राजपूत और दीपू गुर्जर की तलाश शुरू कर दी है।
“वनखंडी आश्रम लूटकांड” में कितने आरोपी शामिल थे?
“वनखंडी आश्रम लूटकांड” में कुल तीन आरोपी शामिल थे, जिनमें से मास्टरमाइंड देवी सिंह प्रजापति को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि दीपू गुर्जर और प्रदीप राजपूत अभी फरार हैं।
क्या “वनखंडी आश्रम लूटकांड” में लूटे गए सामान बरामद हुए हैं?
जी हां, “वनखंडी आश्रम लूटकांड” में लूटी गई कार और लैपटॉप पुलिस ने बरामद कर लिए हैं। नगदी और मोबाइल की बरामदगी की प्रक्रिया जारी है।
“वनखंडी आश्रम लूटकांड” के मास्टरमाइंड को कहां से गिरफ्तार किया गया?
“वनखंडी आश्रम लूटकांड” के मास्टरमाइंड देवी सिंह प्रजापति को मुरैना जिले के बानमौर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है।
“वनखंडी आश्रम लूटकांड” के पीछे का मकसद क्या था?
आरोपियों को लोगों से सुनने में आया था कि महंत शिवानंद गिरी के पास काफी पैसा रहता है। इसी लालच में उन्होंने “वनखंडी आश्रम लूटकांड” की साजिश रची।
क्या “वनखंडी आश्रम लूटकांड” के बाद महंत ने पुलिस से कोई मांग की है?
हां, “वनखंडी आश्रम लूटकांड” के पीड़ित महंत शिवानंद गिरी ने एसपी ऑफिस पहुंचकर सुरक्षा की मांग की है।