ग्वालियर: Jiwaji University Exam: ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय ने नकल पर बड़ा एक्शन लेते हुए दो कॉलेजों में हाल ही में आयोजित की गई परीक्षाओं को निरस्त कर दिया है। यह निर्णय कुलगुरु द्वारा गठित अनुचित साधन निर्णायक समिति की अनुशंसा पर लिया गया है। जिन कॉलेजों की परीक्षाएं निरस्त की गई हैं वे परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। इनमें से एक कॉलेज भिंड ज़िले का है जबकि दूसरा कॉलेज श्योपुर ज़िले का है।
Jiwaji University Exam: दरअसल, जीवाजी विश्वविद्यालय द्वारा मार्च, अप्रैल और मई माह में परीक्षाओं का आयोजन किया गया था। चूंकि चंबल अंचल के कुछ कॉलेजों में नकल का इतिहास रहा है इसलिए इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन की विशेष नज़र भिंड, मुरैना और श्योपुर के ऐसे परीक्षा केंद्रों पर थी। हालांकि विश्वविद्यालय ने सभी परीक्षा केंद्र प्रभारियों और संबंधित कॉलेजों के प्राचार्यों को नकल पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए थे इसके बावजूद श्योपुर ज़िले के विजयपुर स्थित शासकीय महाविद्यालय और भिंड ज़िले के फूप स्थित ऋषिश्वर कॉलेज में सामूहिक नकल की जानकारी फ्लाइंग स्क्वाड को मिली।
Jiwaji University Exam: जब फ्लाइंग स्क्वाड की टीम वहाँ पहुँची, तो सूचना सही पाई गई। दोनों ही कॉलेजों में परीक्षार्थी बेखौफ़ होकर सामूहिक रूप से नकल कर रहे थे। फ्लाइंग स्क्वाड ने नकल के प्रकरण बनाए और इसकी रिपोर्ट जीवाजी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार व उच्च शिक्षा विभाग को भेजी। विश्वविद्यालय ने फ्लाइंग स्क्वाड की रिपोर्ट पर कुलगुरु के निर्देशानुसार अनुचित साधन निर्णायक समिति से जाँच कराई। जब समिति ने उत्तरपुस्तिकाएँ जांचीं, तो सामूहिक नकल की स्थिति स्पष्ट दिखाई दी। समिति ने अपनी अनुशंसा सहित रिपोर्ट रजिस्ट्रार को भेज दी। रिपोर्ट मिलने के बाद विश्वविद्यालय ने दोनों परीक्षा केंद्रों की परीक्षाएं निरस्त करने का निर्णय लिया।
जीवाजी विश्वविद्यालय ने किन कॉलेजों की परीक्षाएं “नकल” के कारण निरस्त की हैं?
विश्वविद्यालय ने श्योपुर ज़िले के विजयपुर स्थित शासकीय महाविद्यालय और भिंड ज़िले के फूप स्थित ऋषिश्वर कॉलेज में “सामूहिक नकल” पाए जाने के कारण परीक्षाएं निरस्त की हैं।
“नकल” की पुष्टि कैसे की गई?
फ्लाइंग स्क्वाड द्वारा औचक निरीक्षण के दौरान छात्रों को सामूहिक रूप से “नकल” करते हुए पाया गया। रिपोर्ट के आधार पर अनुचित साधन निर्णायक समिति ने जांच की और उत्तरपुस्तिकाओं से सामूहिक नकल की पुष्टि हुई।
क्या जिन परीक्षाओं में “नकल” हुई थी, वे फिर से आयोजित की जाएंगी?
विश्वविद्यालय ने केवल परीक्षा निरस्त करने का निर्णय घोषित किया है। पुनः परीक्षा के संबंध में कोई आधिकारिक घोषणा अभी तक नहीं हुई है।
क्या “नकल” में शामिल छात्रों पर अलग से कार्रवाई होगी?
समिति द्वारा रिपोर्ट के आधार पर संबंधित छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है, परंतु इस पर अंतिम निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लिया जाएगा।
क्या जीवाजी विश्वविद्यालय भविष्य में “नकल” रोकने के लिए कोई नया कदम उठाएगा?
हाँ, विश्वविद्यालय प्रशासन अब संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर विशेष निगरानी और तकनीकी निगरानी जैसे CCTV और मोबाइल जैमर आदि पर विचार कर रहा है ताकि “नकल” को पूरी तरह रोका जा सके।