जबलपुर: Jabalpur Fake Kidnapping: जबलपुर में एक माँ की डाँट से नाराज़ 14 साल की बच्ची ने अपने ही अपहरण की झूठी कहानी रच दी। माँ ने बेटी को दोस्तों से ज़्यादा बात करने, सोशल मीडिया में मशगूल रहने और लिपस्टिक लगाने से मना किया था। बार-बार डाँट पड़ने से नाराज़ होकर सातवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा ने अपने ही घर पर एक फर्जी अपहरण नोट छोड़ा और घर से गायब हो गई।
Jabalpur Fake Kidnapping: किडनैप नोट में लिखा था की तुम लोगों की बच्ची मेरे पास है। अगर अपनी बच्ची को बचाना है तो अगले महीने की दस तारीख को 15 लाख रुपए लेकर बड़ी खेरमाई मंदिर आ जाना। अगर तुम में से किसी ने भी पुलिस को खबर देने की कोशिश की, तो बच्ची के टुकड़े-टुकड़े कर दूँगा। 14 दिन का समय दे रहा हूँ जल्दी से जल्दी पैसों का इंतज़ाम कर लो, वरना अंजाम बुरा होगा।
Jabalpur Fake Kidnapping: यह सनसनीखेज मामला जबलपुर के खमरिया थाना क्षेत्र स्थित प्रियदर्शनी कॉलोनी का है। बच्ची की माँ ने खमरिया थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्ची की तलाश शुरू की। एक ऑटो चालक की मदद से पता चला कि बच्ची को सदर इलाके में छोड़ा गया था। करीब दस घंटे की तलाश के बाद बच्ची को सदर इलाके में घूमते हुए पाया गया जहाँ वह किराए का मकान ढूँढ रही थी।
Jabalpur Fake Kidnapping: बच्ची की माँ नौकरी करती हैं, और पिता से अलगाव के कारण वह अपनी माँ के साथ रहती है। माँ के लिए उसकी इकलौती बेटी ही उसका पूरा संसार थी। लेकिन बेटी ने अपनी माँ के साथ ऐसा धोखा किया, जिसकी माँ ने कल्पना भी नहीं की थी। जाँच के दौरान घर से बरामद किडनैप नोट पर लिखावट बच्ची की ही पाई गई, जिससे शक और गहराया। अंततः पुलिस ने बच्ची को ढूंढ निकाला और इस झूठी साज़िश का पर्दाफाश हुआ।
“अपहरण की झूठी कहानी” रचने वाली बच्ची की उम्र क्या थी?
बच्ची की उम्र 14 साल थी और वह सातवीं कक्षा में पढ़ती थी।
“अपहरण की झूठी कहानी” का पता कैसे चला?
पुलिस जांच में घर से बरामद किडनैप नोट की लिखावट बच्ची की पाई गई और एक ऑटो चालक की जानकारी से बच्ची को सदर इलाके में खोज निकाला गया।
“अपहरण की झूठी कहानी” रचने का कारण क्या था?
बच्ची को अपनी माँ की डाँट पसंद नहीं थी—माँ ने उसे दोस्तों से बात करने, सोशल मीडिया उपयोग और लिपस्टिक लगाने से मना किया था। इसी नाराजगी में उसने यह कहानी रची।
क्या बच्ची को पुलिस ने सुरक्षित खोज लिया?
हाँ, बच्ची को लगभग 10 घंटे की तलाश के बाद सदर इलाके में किराए का मकान ढूंढते समय सुरक्षित खोज लिया गया।
क्या “अपहरण की झूठी कहानी” के मामले में कोई कानूनी कार्रवाई की गई?
फिलहाल पुलिस ने बच्ची को परामर्श और चेतावनी दी है। उसकी नाबालिग उम्र को देखते हुए मामला संवेदनशीलता से हैंडल किया गया है।