भोपाल: MP Politics कहीं प्यार में फांसकर धर्म परिवर्तन ये खेल पुराना है। पर मप्र में इसके नए केंद्र उभर रहे हैं, नए और खतरनाक ढंग से ये समस्या उभर रही है। धर्मांतरण रोकने के तमाम दावों और हिंदू संगठनों के शोर-शराबे के बाद भी कन्वर्जन रुक नहीं रहा इंदौर, छतरपुर, जबलपुर, दमोह जैसे शहरों में लगातार धर्मांतरण हो रहा है, इसमें सियासी गठजोड़ मामले को और संगीन कर रहा है। लव जिहाद का कथित फाइनेंसर अगर किसी राष्ट्रीय दल से जुड़ा हो और जनप्रतिनिधि भी हो तो मसले की गंभीरता का अंदाजा हो जाना चाहिए..इसी तरह अगर स्कूल,कॉलेज और अस्पताल अगर धर्मांतरण के अड्डे में बदल जाए तो सवाल पूछने ही होंगे। क्योंकि आज अगर खामोश रहे तो यकीनन कल सन्नाटा होगा।
MP Politics बीते कुछ दिनों में मध्यप्रदेश के कई शहरों में धर्मांतरण की खबरों ने सुर्खियां बटोरी, लेकिन अब ये हो रहा है हिंदुत्व के सबसे पोस्टर ब्वॉय पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के घर यानी छतरपुर में छतरपुर के चांदला में दुख दर्द और बीमारी ठीक करने के नाम पर धर्मांतरण का खेल खेला जा रहा था। बाकायदा टेंट लगाकर बड़े पैमाने में कांग्रेस नेत्री पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष तुलसा अहिरवार के परिजन लोगों को बुलाकर ईसाई धर्म के प्रति उन्हें प्रेरित कर रहे थे। इस मामले में जांच की जा रही है।
छतरपुर ही नहीं इंदौर और जबलपुर भी लव जिहाद और धर्मांतरण का हॉटस्पॉट बना हुआ है। इंदौर में शहर में 10 से ज्यादा लव जिहाद के मामले दर्ज हो चुके हैं। जबलपुर में भी इसी तरह कई मामले सामने आए है। हाल ही में जबलपुर के नामी जॉय स्कूल के संचालक अखिलेश मेंबन और उसके परिवार के खिलाफ धर्मांतरण और घरेलू हिंसा के आरोप के बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया था। मध्यप्रदेश में बढते धर्म परिवर्तन और लव जिहाद के मामले पर हमेशा की तरह जोरदार सियासत भी हो रही है। भाजपा कांग्रेस आमने सामने है।
मध्यप्रदेश में धर्मपरिवर्तन और लव जिहाद के खिलाफ सख्त कानून है, लेकिन फिर भी जिस तरह से तेजी से ये मामले आ रहे है। उससे लगता है कि कानून नाकाफी है। इसके ही साथ इंदौर में जो लव जिहाद के लिए फंडिंग का खुलासा हुआ है। उससे ये तेजी से बढ़ते मामले और गंभीर हो जाते हैं। सवाल क्या वाकई फंडिंग की वजह से मध्यप्रदेश में धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं या फिर राजनीतिक शह भी इसकी बड़ी वजह है। सवाल कई है, पर सबसे बड़ा सवाल जनता भी पूछ रही है कि आखिर मध्यप्रदेश में धर्मांतरण के मामले कब रुकेंगे।
“मध्यप्रदेश में धर्मांतरण” के सबसे ज्यादा मामले किन शहरों में सामने आए हैं?
“मध्यप्रदेश में धर्मांतरण” के सबसे ज्यादा मामले इंदौर, जबलपुर, छतरपुर और दमोह से सामने आए हैं।
“मध्यप्रदेश में धर्मांतरण” के पीछे क्या फंडिंग या राजनीतिक समर्थन भी है?
कुछ मामलों में लव जिहाद और धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग और राजनीतिक संरक्षण की बात सामने आई है, जिसकी जांच चल रही है।
क्या “मध्यप्रदेश में धर्मांतरण” रोकने के लिए कोई कानून मौजूद है?
राज्य में धर्म स्वतंत्रता अधिनियम लागू है, जिसमें लव जिहाद और जबरन धर्मांतरण के लिए सजा का प्रावधान है, लेकिन इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर सवाल उठ रहे हैं।