इंदौर (मप्र), 10 जुलाई (भाषा) आपने जेल में कैदियों के चक्की पीसने की कहावत सुनी होगी, लेकिन बदलते दौर में इंदौर के केंद्रीय जेल के बंदी स्वचालित मशीन से धनिया और हल्दी जैसे मसाले पीसते नजर आएंगे।
अधिकारियों के मुताबिक जेल प्रशासन की पहल के कारण इस कारागार के भीतर यह नजारा दिखाई देगा और कैदियों के पीसे मसाले आम ग्राहकों के लिए भी उपलब्ध होंगे।
मध्यप्रदेश के जेल और सुधारात्मक सेवाएं विभाग के महानिदेशक गोविंद प्रताप सिंह ने बृहस्पतिवार को गुरु पूर्णिमा के अवसर पर केंद्रीय जेल में ‘मां अहिल्या मसाला उद्योग’ का उद्घाटन किया।
सिंह ने इस कार्यक्रम के दौरान कहा,‘‘हम कैदियों को जेल के भीतर ऐसे अलग-अलग उद्योगों का प्रशिक्षण दे रहे हैं जिन्हें शुरू करने के लिए बहुत कम पूंजी की जरूरत पड़ती है। यह प्रशिक्षण जेल से रिहाई के बाद स्वरोजगार शुरू करने में इन लोगों के लिए मददगार साबित होगा।’’
केंद्रीय जेल की अधीक्षक अल्का सोनकर ने बताया कि कारागार के भीतर खोले गए मसाला उद्योग में कैदी स्वचालित मशीन के जरिये धनिया, हल्दी, कश्मीरी लाल मिर्च और गरम मसाला पीसेंगे।
जेल अधीक्षक ने बताया कि मसाले तैयार करने के लिए कच्चा माल निविदाओं के जरिये खरीदा गया है।
सोनकर ने बताया,‘‘कैदियों के तैयार मसालों का इस्तेमाल इंदौर और इसके आस-पास के जिलों की जेलों में किया जाएगा। ये मसाले आम नागरिकों के लिए इंदौर के केंद्रीय जेल के बाहर पहले से चल रहे एक विक्रय केंद्र पर 250 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलोग्राम की पैकिंग में उपलब्ध रहेंगे।’’
उन्होंने कहा कि वह जिला प्रशासन से अनुरोध करेंगी कि जेल विभाग को शासकीय छात्रावासों और अन्य सरकारी संस्थानों में भी इन मसालों की आपूर्ति का काम सौंपा जाए।
भाषा हर्ष
राजकुमार
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