Prabhasakshi NewsRoom: Parliament Monsoon Session शुरू, PM Modi बोले- यह मॉनसून सत्र एक विजयोत्सव है

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संसद के मॉनसून सत्र की आज से शुरुआत हो गयी। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आयोजित हो रहे इस सत्र के दौरान विपक्ष ने जहां सरकार को तमाम मुद्दों पर घेरने की तैयारी की है वहीं सत्ता पक्ष भी हर मुद्दे पर नियमों के तहत चर्चा कराने और सवालों के जवाब देने के लिए तैयार नजर आ रहा है। सत्र की शुरुआत से पहले संसद परिसर में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह मानसून सत्र एक विजयोत्सव है। पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति का रूप देखा है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना द्वारा निर्धारित लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त किया गया। ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के आकाओं के घरों को 22 मिनट के भीतर जमींदोज कर दिया गया…मेड इन इंडिया सैन्य शक्ति के इस नए स्वरूप की ओर दुनिया काफी आकर्षित हुई है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “ये मानसून सत्र राष्ट्र के लिए बहुत ही गौरवपूर्ण सत्र है…ये मानसून राष्ट्र के लिए विजयोत्सव का रूप है…पहली बार अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का तिरंगा का लहराना हर देशवासी के लिए गौरव का पल है। देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, नवाचार के प्रति नया उमंग और उत्साह भरने वाली यात्रा रही है। संसद के दोनों सदन और देशवासी जिस गौरव का अनुभव कर रहे हैं उसमें एक स्वर से जुड़ेंगे और इसका यशगान होगा।” उन्होंने कहा कि मानसून नवीनता और नवसृजन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि अब तक की खबरों के मुताबिक देश में मौसम बहुत ही अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। कृषि को लाभदायक मौसम की खबरें हैं। 
उधर, कांग्रेस के कई सांसदों ने संसद के मानसून सत्र के पहले दिन पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी चिंताओं पर चर्चा की मांग करते हुए दोनों सदनों में कार्यस्थगन के नोटिस दिए हैं। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने लोकसभा में कार्यस्थगन का नोटिस देकर पहलगाम हमले में “सुरक्षा चूक” और ऑपरेशन सिंदूर के बाद विदेश नीति के मुद्दे पर चर्चा की मांग की। कांग्रेस के लोकसभा सदस्य अमर सिंह ने नोटिस देकर मांग की है कि सदन में नियत सभी कामकाज को स्थगित कर पहलगाम आतंकी हमले से जुड़ी “सुरक्षा चूक”, इसके बाद चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर तथा विदेश नीति के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए। राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने नियम 267 के तहत नोटिस दिया और कहा कि पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित चिंताओं पर सदन में सभी कामकाज को रोककर चर्चा कराई जाए। कांग्रेस सांसद सैयद नासिर हुसैन ने नियम 267 के तहत नोटिस देकर बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर चर्चा की मांग की।
हम आपको बता दें कि कांग्रेस और विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन के 23 अन्य घटक दलों ने फैसला किया है कि वे पहलगाम आतंकी हमले, ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोके जाने, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे, बिहार में जारी मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कई अन्य मुद्दों को इस सत्र में प्रमुखता से उठाएंगे।
उधर, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी राजनीतिक दलों का आह्वान किया कि वे सदन के सुचारू संचालन, रचनात्मक विमर्श और स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद में अपना सहयोग दें। बिरला ने कहा, “18वीं लोकसभा का पाँचवां सत्र (मानसून सत्र) आज से प्रारंभ हो रहा है। लोकतंत्र के इस पवित्र मंदिर में जनाकांक्षाओं की अभिव्यक्ति और राष्ट्रीय हितों के संरक्षण हेतु हम सभी प्रतिनिधियों की सामूहिक भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने कहा, “मानसून सत्र से पूर्व मेरा सभी दलों के नेताओं एवं माननीय सदस्यों से आग्रह है कि वे सदन के सुचारु संचालन, रचनात्मक विमर्श और स्वस्थ लोकतांत्रिक संवाद में अपना सहयोग दें, ताकि हम समावेशी विकास, सामाजिक न्याय और आर्थिक प्रगति के लिए ठोस कदम उठा सकें।” उन्होंने उम्मीद जताई कि लोकतंत्र की गरिमा, संसद की प्रतिष्ठा और जनहित की प्राथमिकता जैसे मूल्यों को समर्पित यह मानसून सत्र सार्थक और सफल होगा तथा हम सब मिलकर लोकतांत्रिक चेतना, विविधता में एकता एवं संवैधानिक मूल्यों को और अधिक सशक्त करने की दिशा में सार्थक योगदान देंगे।
इस बीच, कांग्रेस ने कहा है कि विपक्ष की ओर से जब पहलगाम आतंकवादी हमले, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे का मुद्दा उठाए जाए तो प्रधानमंत्री को सदन में मौजूद रहना चाहिए। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ‘पोस्ट’ किया, “कुछ ही देर में सज-धज कर प्रधानमंत्री संसद भवन के बाहर अपने चिर-परिचित अंदाज में मीडिया के सामने देश के नाम अपना संदेश देंगे। हर बार की तरह, इस बार भी वही घिसी-पिटी, खोखली बातें दोहराई जाएंगी।” उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी संसद में बहुत, बहुत, बहुत कम दिखाई देते हैं। वह साल में केवल एक बार राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बोलते हैं लेकिन इस बार जब पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रपति ट्रंप से जुड़े मुद्दे संसद में चर्चा के लिए आएंगे तो उन्हें देश के प्रति अपनी जवाबदेही जरूर निभानी चाहिए।”
उन्होंने प्रधानमंत्री के ब्रिटेन एवं मालदीव के प्रस्तावित दौरों का हवाला देते हुए कटाक्ष किया, “48 घंटे बाद यह ‘सुपर प्रीमियम फ्रीक्वेंट फ्लायर’ प्रधानमंत्री एक और विदेशी दौरे पर निकल पड़ेंगे। मणिपुर की जनता के पास निराश होने की एक और वजह होगी।”



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