इंदौर: Indore News: इंदौर के देवव्रत कलसांगरा 17 साल से अपने पिता की वापसी का इंतज़ार कर रहे हैं। उनकी आंखों में आज भी उम्मीद की चमक है, लेकिन मन में एक अधूरा सवाल “आखिर वो कहां हैं?” देवव्रत के पिता रामचंद्र उर्फ रामजी कलसांगरा का नाम 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में सामने आया था। Malegaon Blast Case
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Malegaon Blast Case: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने उन्हें आरोपी बताया लेकिन तब से लेकर आज तक उनका कोई पता नहीं चला। न गिरफ्तारी हुई, न कोई बयान सामने आया, और न ही यह साफ हो सका कि वो जिंदा हैं या नहीं। देवव्रत का कहना है कि उन्होंने हर दरवाज़ा खटखटाया लेकिन किसी ने यह नहीं बताया कि उनके पिता कहां हैं। एटीएस ने कोई जानकारी नहीं दी और न ही किसी अन्य एजेंसी ने। वो कहते हैं कि उम्मीद अब भी बाकी है एक दिन शायद उनके पिता लौट आएं।
Malegaon Blast Case: रामजी की पत्नी लक्ष्मी कलसांगरा भी अपने पति को अब तक जीवित मानती हैं। उनका कहना है, “मैंने कभी उन्हें मरा हुआ नहीं माना। हर पूजा, हर व्रत में उनका नाम लेती हूं। वो कहां हैं, ये सिर्फ भगवान और एटीएस ही जानते हैं।”इस मामले में जब बाकी आरोपियों जिनमें साध्वी प्रज्ञा भी शामिल थीं को दोषमुक्त कर दिया गया, तो लगा जैसे केस अपने अंजाम तक पहुंच गया हो। लेकिन रामजी कलसांगरा और एक अन्य आरोपी अब तक गायब हैं।
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Malegaon Blast Case: इस गुमशुदगी ने केस को अधूरा बना रखा है। 17 साल से एक परिवार अपने सदस्य के लौटने की राह देख रहा है। न कोई दस्तावेज़ी पुष्टि है, न ही संवेदनशीलता। यह सिर्फ एक व्यक्ति के लापता होने की बात नहीं है, यह उस दूरी की कहानी है जो इंसाफ और जानकारी के बीच बनी रही एक ऐसी दूरी, जो कभी पाटी ही नहीं गई । बेटे को आज भी अपने पिता की वापसी और न्याय की उम्मीद है ।