राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले की निवासी उस महिला की शिकायत का निपटारा कर दिया जिसने अपनी निजी जमीन पर ग्राम प्रधान और उसकी पत्नी द्वारा अवैध खनन किए जाने का आरोप लगाया था।
हरित निकाय ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचपीएसपीसीबी) और जिलाधिकारी को जांच शुरू करने के लिए विवरण एवं अन्य साक्ष्य उपलब्ध कराए।
न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी और विशेषज्ञ सदस्य अफरोज अहमद की एनजीटी पीठ ने शिकायतकर्ता कैचना देवी को आदेश की एक प्रति अनुपालन के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ साझा करने का भी निर्देश दिया।
इस संबंध में एक प्रवक्ता ने बताया कि आदेश में कहा गया कि शिकायतकर्ता या उसका प्रतिनिधि सुनवाई के दौरान मौजूद नहीं थे।
शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि जिला प्रशासन, पुलिस और खनन विभाग को कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई, जबकि उसकी जमीन पर अवैध खनन जारी है और जबरन सड़क भी बना दी गई है।
उद्योग निदेशक यूनुस ने बृहस्पतिवार को कहा कि विभाग उन इलाकों में नियमित निरीक्षण कर रहा है जहां अवैध खनन का संदेह है और अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए विशेष अभियान चलाए गए हैं।
यूनुस ने कहा कि अवैध खनन के कई मामले सामने आए हैं और भारी जुर्माना लगाया गया है, साथ ही कई मामले स्थानीय अदालतों में पेश किए गए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अवैध खनन गतिविधियों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि 350 से अधिक शिकायतें मिली हैं।













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