Singrauli News: सिंगरौली जिले के बरगवां तहसील अन्तर्गत प्रस्तावित गोंड़बहेरा उज्जैनी ईस्ट कोयला खदान के लिए मंगलवार को मझौली गांव में पर्यावरणीय मंजूरी के लिए आयोजित लोक सुनवाई सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई।
इस कार्यक्रम में भूमिगत खदान से प्रभावित होनेवाले सभी चार गांवों के लगभग 2000 स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे जिन्होंने प्रोजेक्ट का खुलकर समर्थन किया। सिंगरौली जिला के संयुक्त कलेक्टर संजीव कुमार पांडेय एवं मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंगरौली के क्षेत्रीय अधिकारी संजीव मेहरा की उपस्थिति में जनसुनवाई सम्पन्न हुई।
इस दौरान सरकार के प्रतिनिधियों के द्वारा स्थानीय जनता की समस्याओं और सुझावों को ध्यान से सुना गया। इस प्रोजेक्ट के आसपास के गांवों के लोगों ने पर्यावरण पर होनेवाली संभावित असरों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के सामाजिक और आर्थिक विकास के बारे में अपने विचार रखे।
प्रशासन की तरफ से देवसर के एसडीएम अखिलेश सिंह, चितरंगी के सब डिविजनल ऑफिसरऑफ पुलिस राहुल सैयाम, देवसर की सब डिविजनल ऑफिसरऑफ पुलिस गायत्री तिवारी, बरगवां के थाना प्रभारी मो0 समीर, सरई के थाना प्रभारी जितेन्द्र सिंह भदौरिया एवं कई पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। महान एनर्जेन लिमिटेड की तरफ से कई अधिकारियों की मौजूदगी रही जिन्होंने परियोजना के लिए उठाये जानेवाले पर्यावरणीय उपायों के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
गोंड़बहेरा उज्जैनी ईस्ट भूमिगत कोयला परियोजना, भारत सरकार के कोयला मंत्रायलय द्वारा कमर्शियल माइनिंग के तहत 2022 में स्पर्धात्मक बोली के द्वारा महान एनर्जेन लिमिटेड को मिला है। यह एक भूमिगत कोयला खदान है जो जिले के बरगवां तहसील अन्तर्गत चार गांवों मझौली, उज्जेनी, पचौर एवं कुंदा के 1130 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत है। भूमिगत खदान होने के कारण गोंड़बहेरा उज्जैनी ईस्ट परियोजना के संचालन के लिए सिर्फ 34 हेक्टेयर राजस्व भूमि की जरुरत होगी। ऊर्जा क्षेत्र की इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय निर्धारित मानकों के आधार पर वायु गुणवत्ता, जल गुणवत्ता, जल संसाधन, ध्वनि स्तर, भूमि पर्यावरण, मृदा की गुणवत्ता के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन किया गया और पाया कि सभी निर्धारित मानकों के सीमा के अनुरूप हैं एवं समुचित पर्यावरणीय प्रबंधन योजना का प्रावधान भी रखा गया है।
यह परियोजना 33 वर्षों तक चलेगी, जिसमें प्रति वर्ष 30 लाख टन कोयला उत्पादन के लिए आधुनिक तकनीक से भूमिगत उत्खनन किया जाएगा। इस खनन परियोजना के संचालन के दौरान भारी मात्रा में रोजगार का सृजन होगा जिसके फलस्वरूप यहाँ के लोगों के आय में वृद्धि से जीवन स्तर बेहतर होगा। इस परियोजना से मध्य प्रदेश सरकार के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी। महान एनर्जेन लिमिटेड ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था के लिए विस्तार से योजना बनायी है। पचौर ग्राम के रहनेवाले उपेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि, ” अंडरग्राउंड माइनिंग से प्रदूषण नहीं के बराबर होगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द चालू होना चाहिए ताकि इस क्षेत्र का विकास हो सके। जबकि उज्जैनी गांव के अनिल कुमार जायसवाल का कहना है कि, “इस प्रोजेक्ट के आने से स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और सामाजिक विकास होगा। वहीं पचौर गांव की रहनेवाली बसन्ती रावत इस बात से काफी खुश हैं कि, “इस भूमिगत कोयला खदान के शुरू होने से बच्चों के साथ-साथ स्थानीय महिलाओं का भी कल्याण होगा जिससे स्थानीय लोग ज्यादा खुशहाल होंगे। “
भूमिगत खनन से कोयला उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है क्योंकि इससे सतही संरचनाओं को न्यूनतम क्षति होती है और पर्यावरणीय प्रभाव कम होता है। प्रदूषण नियंत्रण के लिए जल छिड़काव, वृक्षारोपण, और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों का उपयोग किया जाएगा। खनन पट्टा क्षेत्रों और परिवहन सड़कों के किनारे हरित क्षेत्रों का विकास और वर्षा जल संचयन जैसे उपाय भी अपनाए जाएंगे।
इस परियोजना के चालू होने से भौतिक अवसंरचना सुधार के साथ -साथ सामाजिक गतिविधियों में सुधार, सामाजिक कल्याण के उपायों में जन स्वास्थ्य प्रबंधन, शिक्षा प्रबंधन, पर्यावरण की बेहतरी, बुनियादी ढ़ांचे का विकास, सतत आजीविका, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र एवं किसान विकास कार्यक्रम जैसे विभिन्न पहलूओं पर विशेष धयान दिया जाएगा।