Budget 2023: सदन में अर्थव्यवस्था सर्वेक्षण पेश, जानिए विस्तार से

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केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार, 31 जनवरी 2023 को संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ पेश कर दिया है। जिसमें अनुमान लगाया गया है कि जीडीपी (GDP) विकास दर वित्त वर्ष 2024 के लिए वास्तविक आधार पर 6.5 प्रतिशत रहेगी। इस अनुमान की बहुपक्षीय एजेंसियों जैसे विश्व बैंक, आईएमएफ, एडीबी और घरेलू तौर पर आरबीआई द्वारा किए गए अनुमानों से तुलना की जा सकती है।

वहीं, जारी सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर है। ये जानकारियां, पीआईबी द्वारा जानकारी के तहत हैं।

इसलिए, 2024 में विकास की गति तेज रहेगी

सर्वेक्षण कहता है कि वित्त वर्ष 2024 में विकास की गति तेज रहेगी क्योंकि कॉरपोरेट और बैंकिंग क्षेत्र के लेखा विवरण पत्रों के मजबूत होने से ऋण अदायगी और पूंजीगत निवेश के शुरु होने का अनुमान है। आर्थिक विकास को लोक डिजिटल प्लेटफॉर्म के विस्तार तथा ऐतिहासिक उपायों जैसे पीएम गतिशक्ति, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं के माध्यम से समर्थन मिलेगा, जो निर्माण उत्पादन को बढ़ावा देंगे।

मार्च, 2023 की समाप्ति पर अर्थव्यवस्था का हाल

सर्वेक्षण कहता है कि वास्तविक स्तर पर मार्च, 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए अर्थव्यवस्था में 7 प्रतिशत की दर से वृद्धि होगी। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान विकास दर 8.7 प्रतिशत रही थी।

2023 में आर्थिक विकास का मुख्य आधार

सर्वेक्षण के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 के दौरान भारत के आर्थिक विकास का मुख्य आधार निजी खपत और पूंजी निर्माण रहा है, जिसने रोजगार के सृजन में मदद की है। यह शहरी बेरोजगारी दर में कमी तथा कर्मचारी भविष्य निधि के कुल पंजीकरण में तेजी के माध्यम से दिखाई पड़ती है। इसके अतिरिक्त, विश्व के दूसरे सबसे बड़े टीकाकरण अभियान, जिसमें 2 बिलियन खुराकें दी गई हैं, ने भी उपभोक्ताओं के मनोभाव को मजबूती दी है, जिससे खपत में वृद्धि होगी। निजी पूंजीगत निवेश को नेतृत्व करने की आवश्यकता है ताकि रोजगार के अवसरों का तेजी से सृजन हो सके।

अनुमान: 2023-24

2023-24 के लिए अनुमान के विवरण में समीक्षा में बताया गया है कि महामारी से भारत की भरपाई अपेक्षाकृत तीव्र थी और ठोस घरेलू मांग के समर्थन और पूंजीगत निवेश में वृद्धि से आगामी वर्षों में प्रगति होगी। इसमें बताया गया है कि सशक्त वित्तीय घटकों के बल पर निजी क्षेत्र में पूंजी निर्माण प्रक्रिया का अंतर्निहित लक्षण परिलक्षित है और पूंजीगत व्यय में निजी क्षेत्र की सावधानी के लिए भरपाई करना और सरकार द्वारा पर्याप्त पूंजीगत व्यय जुटाना इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात है।

पूंजीगत व्यय को मिली मजबूती

समीक्षा के अनुसार, वित्त वर्ष 16 से वित्त वर्ष 23 तक पिछले 7 वर्षों में बजटीय पूंजीगत व्यय में 2.7 गुणा वृद्धि हुई, जिससे पूंजीगत व्यय को मजबूती मिली।

आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 को ऐसे समझिए

  • 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर है।
  • आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23 का अनुमान है कि जीडीपी विकास दर वित्त वर्ष 2024 के लिए वास्तविक आधार पर 6.5 प्रतिशत रहेगी।
  • अर्थव्यवस्था की विकास दर मार्च 2023 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए 7 प्रतिशत (वास्तविक) रहने का अनुमान है, पिछले वित्त वर्ष में विकास दर 8.7 प्रतिशत रही थी।
  • सूक्ष्म, लघु और मध्यम उध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र के लिए ऋण में तेज वृद्धि दर्ज की गई है, जो जनवरी-नवम्बर, 2022 के दौरान औसत आधार पर 30.5 प्रतिशत रही।
  • केन्द्र सरकार का पूंजीगत व्यय (कैपेक्स), जो वित्त वर्ष 2023 के आठ महीनों के दौरान 63.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा, यह वर्तमान वर्ष के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने का प्रमुख कारण रहा है।
  • आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए महंगाई दर 6.8 प्रतिशत रहेगी, जो इसके लक्ष्य सीमा से अधिक है।
  • निर्माण गतिविधियों में प्रवासी श्रमिकों के लौटने से, निर्माण सामग्री के जमा होने की प्रक्रिया, जो पिछले साल के 42 महीनों के मुकाबले वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 33 महीनों की रही है, में महत्वपूर्ण कमी दर्ज करने में मदद मिली है।
  • वित्त वर्ष 2022 में निर्यात में तेजी दर्ज की गई, वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में उत्पादन प्रक्रिया में तेज वृद्धि दर्ज की गई है।
  • वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में निजी खपत जीडीपी के प्रतिशत के रूप में 58.4 प्रतिशत रही, जो 2013-14 के बाद के सभी वर्षों की दूसरी तिमाहियों के मुकाबले सबसे ज्यादा है, जिसे संपर्क आधारित सेवाओं जैसे व्यापार, होटल और परिवहन की मजबूती से समर्थन मिला।
  • विश्व व्यापार संगठन का अनुमान है कि वैश्विक व्यापार में वृद्धि 2022 के 3.5 प्रतिशत के मुकालबे 2023 में 1.0 प्रतिशत के निम्न स्तर पर रहेगी; सर्वेक्षण ने इस तथ्य को रेखांकित किया है।

 

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