Sidhi जिले में मोहनिया टनल के पास हुए भयावह हादसे को लेकर भाजपा पर हमले शुरू हो गए हैं। सिंगरौली जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष रमाशंकर शुक्ला ने इस घटना पर दुःख प्रकट किया है और उहोंने विज्ञप्ति जारी कर इस मामले में कार्यवाही की मांग की है।
जारी विज्ञप्ति में श्री शुक्ल ने कहा है कि सतना में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की सभा से लौट रहीं तीन बसें भयंकर एक्सीडेंट का शिकार हो गईं थी, सीधी-सिंगरौली रोड पर मोहनिया टनल के पास हुए इस बीभत्स हादसे में मां-बेटे सहित 14 यात्रियों की मौत हो गई। जबकि, देर रात 60 से अधिक घायल हो गए। इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर तत्काल प्रकरण दर्ज कर बर्खास्त करने की कार्रवाई की जावे।
पीड़ितों के लिए की ये मांग
श्री शुक्ला ने कहा है कि मृतक के परिवारों को 50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जावे। घायलों को 10 लाख रुपए दिए जाएं।
उच्च स्तरीय जांच व कार्यवाही की भी मांग
श्री शुक्ल ने कहा है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलवाने की भी मांग की है। उहोंने आरोप भी लगाया है कि भाजपा की यह रीत रही है कि शासकीय धन-बल का उपयोग कर गांव-गांव से जबरन लोगों को लालच देकर भीड़ के रूप में ज्यादा दिखाने के चक्कर में ले जाया जाता रहा है। भाजपा के जिन प्रतिनिधियों द्वारा जानबूझकर जबरन ग्रामीणों को सतना कार्यक्रम में ले जाया गया था, उस पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए। उन सभी गांव के लोगों से बयान लेकर जिन-जिन भाजपा के प्रतिनिधियों द्वारा लोगों को ले जाया गया है उनके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जावे।
ये भी आरोप लगाए गए
श्री शुक्ल ने यह भी आरोप लगाया है कि सतना में जो कार्यक्रम था वह कोल समाज का था, लेकिन कोल समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोग भी बस में घायल होना पाए गए हैं जिससे यह साबित होता है की अन्य समाज के लोगों को भी जबरन ले जाया गया है। बस में पटवारी व अन्य शासकीय सेवकों की मृत्यु और घायल होने की सूचना भी है इससे साबित होता है कि अन्य शासकीय तौर पर बसों का किराया शासकीय तौर पर ले जाकर ले जाया गया है जिसकी उच्चस्तरीय जांच किया जाना जरूरी है।
ऐसे कार्यक्रम में जाने से पहले सोच लें
आप सभी से निवेदन है कि इस प्रकार के कार्यक्रम में जाने से पहले या अपने बच्चों को भेजने से पहले एक बार जरूर सोच ले कि भाजपा के लोग आपको सिर्फ भीड़ का हिस्सा समझते हैं और भीड़ बढ़ाने के चक्कर में ज्यादा से ज्यादा लोगों को गांव गांव से ले जाया जाता है। इसलिए भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों में जाने से बचें और अपने परिजनों को भेजने से पहले सोचे।
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