इंसान मोहमाया में ऐसे फंसता जाता है कि वह परमात्मा से दूर होता जा रहा है। जब समय आयेगा तब उसे ईश्वर का सानिध्य नहीं करने का प्रायश्चित करना पड़ेगा। ये बाते Singrauli जिले के गडेरिया के ठाकुर बाबा मंदिर में आयोजित की जा रही संगीतमय श्रीमदभागवत कथा के दौरान कथा वाचक विदुषी देवी प्रियंका देवी शास्त्री ने कही। उन्होंने कहा, संसारिक कार्यों के साथ ही साथ ईश्वर का स्मरण करने का सौभाग्य सिर्फ मनुष्य को ही मिला है। वह अपने ज्ञान से ईश्वर के गूढ़ तत्वों को जान सकता है और अपना जीवन सत्कमों में लगा सकता है।
कथा के आयोजन में संगीत और भजनों के साथ कथा का श्रोताओं ने खूब रसपान किया और आनंद लिया। कलाकारों के द्वारा प्रस्तुत सुंदर झांकी इस दौरान आकर्षण का केन्द्र बनी रही। श्रीमदभागवत कथा का आयोजन एनडीएस ग्रुप के द्वारा किया जा रहा है। इस कमेटी के सदस्यों के द्वारा 21 जोड़ी श्रद्धालुओं को श्रीमदभागवत श्रवण कराने का व्यवस्था की गई है।
जीवन को धर्म से जोड़कर देखिए
कथा से जुड़े प्रसंगों व उनकी व्याख्या को सुनाते हुये कथा वाचक ने कहा, भगवान ने संसार की रचना क्यों की है? यदि किसी इंसान की मृत्यु नजदीक हो तो उसे क्या करना चाहिये? ऐसे प्रसंग पर कथा व्यास ने वृहद व्याख्या करते हुए श्रदालुओं के समक्ष कई तर्क रखे और इंसान के जीवन के उद्देश्य को श्रोताओं के समक्ष उन्होंने रखा। उन्होंने कहाकि मोहमाया में फंसे मनुष्य को अंततः प्रायश्चित करना पड़ता है। इसलिए सनातन धर्म और उसकी रक्षा करने का कर्तव्य सभी भारतीयों का है। सुख-दुख भगवान के जीवन में भी आया है, हमें तो उनके बनाये हुए इंसान हैं इसलिए प्रभु का ध्यान करते हुए आगे बढ़े सभी समस्याओं का समाधान भी निकल आयेगा। उन्होंने यह भी कहाकि जीवन को धर्म से जोड़कर देखिए, हर कार्य सरल- सहज हो जायेंगे।
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