मध्यप्रदेश विधानसभा का जो सत्र इन दिनों चल रहा है, उसमें इतना कुछ हो गया है, जिसे जानकर आप न सिर्फ हैरान हो जाएंगे। बल्कि आप यह भी सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि आखिर क्या राजनीति ऐसी होती है?
दरअसल, 3 मार्च को मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र का पांचवा दिन था और इस दौरान यहाँ सत्ता दल भाजपा व विपक्ष कांग्रेस के विधायकों के बीच टकराव का दौर जोर-शोर से चला। जिससे विधानसभा की कार्यवाही को 13 आर्च तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम
के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
बजट सत्र के 5वें दिन विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने विधानसभा के पीएस एपी सिंह को इस अविश्वास प्रस्ताव की लिखित सूचना भी दे दी। इस लिखित सूचना में 48 विधायकों के हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि, यह बात भी सामने आई है कि इसमें कमलनाथ के साइन नहीं हैं। कमलनाथ के साइन नहीं होने पर सज्जन वर्मा ने कहा कि वे आज जोबट में हैं। नेता प्रतिपक्ष बोले कि हमने उनके साथ बैठकर ही अविश्ववास प्रस्ताव का निर्णय लिया था। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस ने अविश्वास प्रस्ताव की प्रति भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही है, जिसकी कोई अधिकारी पुष्टि तो नही है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद ने नरोत्तम मिश्रा पर किताब से मारने का लगाया आरोप
इसी दौरान, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा पर गंभीर आरोप भी लगाया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि नरोत्तम मिश्रा ने उन पर किताब फेंककर मारने का प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद का कहना है कि वह सदन में स्पीकर से पूछ रहै थे कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा कब कराएंगे? इसी दौरान संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने नियम संचालन पुस्तिका मेरी ओर जोर से फेंककर मारा।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष का यह बयान भी सामने आया है कि संसदीय कार्यमंत्री के विरुद्ध अवमानना प्रस्ताव लाएंगे। इस प्रकार के मंत्री को सदन में बैठने का अधिकार नहीं है। नेता प्रतिपक्ष के आरोप पर नरोत्तम मिश्रा का बयान सामने आया है कि मैंने किताब नहीं मारी। मैं वहाँ पट चपरासी को हटा रहा था।
यहाँ से शुरू हुई इस हंगामे की जड़
जानकारी के अनुसार, गुरुवार 2 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के निलंबन का फैसला सुनाया था और यहीं से ये पूरा हंगामा जोर पकड़ा। जीतू के निलंबन पर नाराज़ कांग्रेस के तमाम विधायकों ने पटवारी के साथ खडे़ रहकर सदन में लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया था। वहीं, पटवारी के निलंबन पर कमलनाथ का बयान सामने आया है कि ये नहीं चाहते कि इनकी बातों का खुलासा हो। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले- भ्रष्टाचार छिपाने का काम सरकार करती है, स्पीकर साथ देते हैं। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा, अविश्वास प्रस्ताव लाना ही था तो मेरे खिलाफ लाते। मूल कार्य तो संसदीय कार्यमंत्री का था।
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