Rewa में भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी: मंदिर में प्रवेश करने पहननी पड़ती है धोती; जानिए

By
On:
Follow Us

Rewa में भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी: Rewa जिले की एक देवस्थली में भगवान भोलेनाथ का ऐसा प्राचीन मंदिर है, जहाँ अब मंदिर में प्रवेश करने वालों के लिए धोती पहनने का नियम शुरू किया गया पड़ती है। इस मंदिर ये नियम कुछ माह पहले ही शुरू किया गया है। हम बात कर रहे हैं भगवान भोलेनाथ के देवतालाब के प्रसिद्ध मंदिर की।

अहम बात ये है कि मंदिर प्रवेश करने या पूजा करने के दौरान धोती (पुरुषों द्वारा पहनी जाने वाली धोती) पहनने के लिए यहाँ किसी को जबरन बाध्य तो नहीं किया जाता है कि मंदिर के पुजारियों के द्वारा श्रद्धालुओं से इसके लिए अनुरोध किया जाता है। इसके पीछे मंदिर के पुजारियों के द्वारा सनातन धर्म से जुड़ी एक परंपरा को भी जोड़ कर इस नवाचार को अहम बताते हैं।

Rewa में भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी: धर्म, आस्था और परंपरा

दरअसल, हिंदू धर्म से जुड़े लोगों की आस्था का सबसे बड़े केन्द्र होते हैं मंदिर व देवी-देवता। सार्वजनिक मंदिरों और घर के भी मंदिरों में विराजमान देवी-देवताओं के पूजन-अर्चन व दर्शन आदि को लेकर हमेशा से कुछ नियमों की मान्यता रही है। इन मान्यताओ को आज भी कई जगहों पर लोग मानते हैं। आज ऐसे ही रीवा जिले के ऐसे ही एक सार्वजनिक मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जो भगवान भोलेनाथ का एक प्रसिद्ध मंदिर है।

Rewa में भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी: धोती नहीं तो कर सकते हैं ये भी उपाय

 

दरअसल, देवतालाब के इस प्रसिद्ध मंदिर में पिछले कुछ माह से एक नवाचार शुरू किया गया है। ये नवाचार है इस मंदिर में भगवान भोलेनाथ के पूजन-अर्चन व दर्शन आदि को लेकर जब श्रद्धालु प्रवेश करेंगे, तो वह धोती पहने रहे। अगर मौके पर धोती की सुविधा नहीं है, तो वह तौलिया को ही धोती की तरह लपेट सकते हैं।

Rewa में भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी: धोती पहनने का नवाचार कैसे शुरू हुआ?

मंदिर में प्रवेश करने के लिए धोती पहनने के नियम का नवाचार करने वाला विध्य का ये मंदिर, रीवा जिले के देवतालाब विधानसभा क्षेत्र के देवतालाब क्षेत्र में ही स्थित देवतालाब मंदिर है, जो कि भगवान भोलेनाथ का
सुप्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर के नवाचार को लेकर मंदिर के पुजारी बताते हैं कि परिक्षेत्र के विधायक गिरीश गौतम। जो कि मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष भी हैं, उन्होंने ही कुछ माह पहले ही सभी से चर्चा करने के बाद इस नियम को लागू किया था।

Rewa में भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी: धोती पहनने पुजारी करते हैं अनुरोध

मंदिर के पुजारी बताते हैं कि मंदिर में भगवान भोलेनाथ का पूजन-अर्चन व दर्शन करने के लिए प्रवेश करने वाले को धोती पहनने का नियम जरूर बनाया गया है, लेकिन इस नियम का पालन करने के लिए वह लोग श्रद्धालुओं से अनुरोध करते हैं, न कि जबरन बाध्य करते हैं। इसका उद्देश्य है कि हम पुरातन सनातन परंपरा के इस महम पहलू से जन-जन को फिर से जोड़ने का एक छोटा सा प्रयास कर सके। इसके कारण जो लोग भी धोती पहनकर भगवान के पूजन-अर्चन करने की पुरातन परंपरा का अनुशरण करने लगेंगे, तो इसमें क्या हर्ज है?

Rewa में भोलेनाथ का एक मंदिर ऐसा भी: जानिए, पूजा में धोती पहनने की अलग-अलग मान्यताएं

हिंदू धर्म से जुड़े जानकारों के अनुसार, हिंदू धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि पूजा करते समय पवित्र और साफ कपड़े ही पहनने चाहिए। हिंदू धर्म में धोती को पवित्र कपड़ों की श्रेणी में भी माना जाता है, क्योंकि धोती को आप एक दिन पहन कर उसे अगले दिन आसानी से धोकर फिर से पहनकर पूजन-अर्चन सकते हैं। इसके अलावा अन्य कई प्रकार की भी धार्मिक मान्यताएं भी है। जबकि धोती को धर्म के अलावा वैज्ञानिक कारण से भी जोड़ कर ये मान्यता है कि आज कल लोग जींस और पैंट पहनकर जब पूजा करने के लिये बैठते हैं तो हमारे शरीर के रक्त प्रवाह पर बुरा असर पड़ता है। क्योंकि जींस के पेंट काफी टाइट होते हैं और लंबे समय तक पूजा में बैठने से ये सीधे पैरों के ब्लड सर्कुलेशन आदि को प्रभावित करते हैं।

 

ये भी पढ़िए-

MP News: गूगलवाड़ा में सहस्त्र चण्डी महायज्ञ में हुए शामिल CM शिवराज; पढ़िए पूरी खबर

For Feedback - vindhyaajtak@gmail.com 
Join Our WhatsApp Channel

Leave a Comment

Live TV