Ministry of Coal: कोयला मंत्रालय (Ministry of Coal) की इस पहल ने कोयले की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध हटाकर वाणिज्यिक कोयला खनन (commercial coal mining) की शुरुआत की है।
इन चुनौतियों का समाधान करने और वित्तपोषण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए, मंत्रालय ने “भारत में वाणिज्यिक कोयला खदानों (commercial coal mining) के वित्तपोषण” पर एक ‘हितधारक परामर्श’ का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कोयला खदान आवंटियों और वित्तीय संस्थानों तथा बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इसका उद्देश्य वाणिज्यिक कोयला खनन के वित्तपोषण से संबंधित चिंताओं को दूर करना और सभी हितधारकों से इस सिलसिले में प्रतिक्रिया तथा सुझाव एकत्र करना था।
पिछले चार दशकों में भारतीय कोयला क्षेत्र (Indian coal sector) के महत्वपूर्ण परिवर्तन और स्वदेशी कोयला भंडार (coal reserves) की प्रचुरता को ध्यान में रखते हुए, निकट भविष्य में कोयले को ऊर्जा का प्राथमिक स्रोत बने रहने की परिकल्पना की गई है।
ये भी पढ़िए –