UP News: वाराणसी (Varanasi) में गंगा (Ganga) का जलस्तर रौद्र रूप धारण करने उतारू हैं। जिससे तटवर्ती इलाकों के वाशिंदों में दहशत का मौहाल है।
गंगा (Ganga) के पलट प्रवाह से वरूणा इलाके में भी बाढ़ के पानी से हाहाकार मचा है।मर्णिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर नाव के द्वारा शवदाह स्थल तक शवों को ले जाया जा रहा है। गंगा (Ganga) का जलस्तर सोमवार को पांच सेमी प्रतिघंटा की रफ्तार बढ़ रहा है। जिसके कारण घाटों की सीढिय़ां डूब गई हैं। वही सामने घाट स्थित कॉलोनियां भी जलमग्न हो गयी हैं। कालोनीवासी घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए विवश हैं। कुछ परिवार अपने मकान के उपरी तल पर ठौर-ठिकाना बना लिया है। सोमवार की शाम चार बजे तक जलस्तर केंद्रीय जल आयोग के अनुसार 70.76 मीटर रहा। जिसमे 0.5 सेमी प्रति घण्टा की दर से वृद्धि दर्ज की जा रही है। जनपद वाराणसी (Varanasi) में गंगा नदी (Ganga) का चेतावनी बिंदु 70.26 मीटर है। खतरे का बिंदु 71.26 मीटर है व 73.90 मीटर है। वर्तमान में गंगा नदी चेतावनी बिंदु से 50 सेमी ऊपर है। खतरे के बिंदु से 50 सेमी नीचे है।
आपात स्थिति को देखते हुए वाराणसी प्रशासन ने जनपद में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किये गए हैं। जिनमें से 14 बाढ़ राहत शिविर क्रियाशील है।
राहत शिविर प्राथमिक विद्यालय सालारपुर, सरैया, ढेलवरिया, चित्रकूट कान्वेंट स्कूल नखीघाट, सिटी गल्र्स स्कूल, बड़ी बाजार, दीप्ती कान्वेंट स्कूल, हुकुलगंज, नवोदय पब्लिक स्कूल, दानियालपुर, रामजानकी मंदिर, ढेलवरिया, तुलसी निकेतन, हुकुलगंज, नवयुग विद्या मंदिर, ढेलवरिया, प्राथमिक विद्यालय रामपुर ढाब, जेपी मेहता इंटर कॉलेज, सुभाष इंटर कॉलेज, कोनिया, सरस्वती इंटर कॉलेज, हुकुलगंज में लगाये गए हैं।फिलहाल इन बाढ़ राहत शिविरों में 299 परिवार के 1601 लोग निवास कर रहे हैं।
आवश्यकतानुसार और बाढ़ राहत शिविर को क्रियाशील कर दिया जाएगा। बाढ़ राहत शिविरों में निवास कर रहे व्यक्तियों एवं परिवारों के लिए भोजन, फल, दूध, पेयजल के साथ साथ समस्त मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
बाढ़ पीड़ितों को कर रहे प्रशिक्षित
स्वास्थ्य विभाग ने बाढ़ राहत शिविर में मेडिकल कैम्प स्थापित किया है। जिसमें बाढ़ पीडि़तों का स्वास्थ्य परिक्षण किया जा रहा है। नगर निगम शिविरो में फॉगिंग कर रहा है। गंगा नदी (Ganga) के जलस्तर बढऩे से वरुणा नदी में जल का उल्टा प्रवाह हो रहा है जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जनपद में बाढ़ से कुल 4461 लोग बाढ़ से प्रभावित है। मोकलपुर में कटान से प्रभावित तीन परिवारों को राहत शिविर में शिफ्ट किया गया है। बाढ़ में बचाव के लिए 22 नावे लगाई गई हैं। जनपद में एनडीआरएफ की एक टीम एवं जल पुलिस भी मोटर बोट लगा कर राहत कार्य रहा है। इसके अतरिक्त नदियों में लगातार रैकी कर जलस्तर की निगरानी की जा रही है। जलस्तर में वृद्धि होने के कारण आम जनमानस की सुरक्षा के दृष्टिगत नौकाओं के संचालन पर रोक लगा दिया गया है। इसके साथ ही बाढ़ कंट्रोल रूम 24 घंटे 7 दिन क्रियाशील कर दिया गया है।
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