केरल में आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए, राज्य सरकार अगस्त से आवारा कुत्तों के लिए एक महीने का टीकाकरण अभियान शुरू करेगी। यह पहल स्थानीय स्वशासन विभाग और पशुपालन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से की जाएगी। यह निर्णय स्थानीय स्वशासन विभाग के मंत्री एमबी राजेश और पशुपालन मंत्री जे चिंचुरानी की उपस्थिति में हुई एक बैठक में लिया गया। पालतू कुत्तों के लिए टीकाकरण अभियान सितंबर में शुरू होने वाला है। व्यापक योजना के तहत, सरकार पालतू कुत्तों के लिए लाइसेंस लेना भी अनिवार्य करेगी।
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राज्य ने पशु क्रूरता निवारण (पशुपालन व्यवहार और प्रक्रिया) नियम, 2023 के तहत इच्छामृत्यु प्रावधान को लागू करने का भी निर्णय लिया है। मंत्री एमबी राजेश ने कहा कि नियमों की धारा 8 इच्छामृत्यु से संबंधित है और सरकार इस प्रावधान के अनुसार कार्य करेगी। उन्होंने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने में एक बड़ी चुनौती पशु जन्म नियंत्रण केंद्रों के प्रति जनता का प्रतिरोध है। इस समस्या से निपटने के लिए, बैठक में यह संकल्प लिया गया कि इन केंद्रों के संचालन में बाधा डालने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएँगे।
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इसके अतिरिक्त, सरकार राज्य भर में ब्लॉक स्तर पर 152 पोर्टेबल पशु जन्म नियंत्रण इकाइयाँ स्थापित करने की योजना बना रही है। प्रत्येक इकाई को 28 लाख रुपये का वित्तीय आवंटन प्राप्त होगा।