मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में धरती के भगवान हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। इससे प्रदेशभर में हालात गंभीर भी निर्मित हो सकते हैं। दरअसल, हर प्रकार के बीमार और घायलों की जोखिम में पड़ी जान को बचाने वाले डॉक्टर्स (Doctors) को धरती पर भगवान का रूप भी कहा जाता है।
ऐसे में प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का बड़ा जिम्मा धरती के भगवानों के जिम्मे हैं, वो सरकारी स्वास्थ्य अमले के डॉक्टर्स हैं और अब ये ही प्रदेशभर के सरकारी डॉक्टर्स पूर्णकालिक हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं और जाहिर है इसके कारण प्रदेशभर में स्वास्थ्य सेवाओं के लड़खड़ाने के हालात भी निर्मित होने का खतरा पनप सकता है। डॉक्टरो में हड़ताल पर जाने की सूचना देनी शुरू कर दी है। इसी क्रम में सोमवार को सिंगरौली जिले में भी डॉक्टरों ने मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के बैनर तले कलेक्टर व CMHO को ज्ञापन सौंपा है।
क्यों हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं सरकारी डॉक्टर्स?
दरअसल, प्रदेश के सरकारी डॉक्टरों से जुड़ी कुछ मांगों को लेकर म.प्र. शासकीय / स्वसाशी चिकित्सक महासंघ द्वारा इस हड़ताल का आह्वान किया गया है। ऐसे में इस संघ से संबद्ध प्रदेश में संचालित सरकारी डॉक्टरों के संगठन मप्र मेडिकल ऑफिसर्स समेत अन्य ऐसे संगठनों ने भी इस इस हड़ताल का समर्थन किया है और 17 फरवरी से हड़ताल पर जाने की तैयारी में हैं। इस संबंध में इन दिनों विभिन्न जिलों व राज्य स्तर पर इन संघटनो के द्वारा अपनी इस हड़ताल व इससे पहले किये जाने वाले विरोध के संबंध में लिखित सूचना भी दी जा रही है।
मांगों की सूचना देने के बाद भी नहीं हुई सुनवाई तब हुए बाध्य
हड़ताल के संबंध में दी जा रही लिखित सूचनाओं में महासंघ के द्वारा कहा गया है कि पिछले दिनों 7 जनवरी को प्रदेश के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, गृह, श्रम विभाग के समस्त अधिकारियों को मांगों के संबंध में लिखित सूचना प्रेषित की गई, लेकिन आज तक उनकी समस्याओं का कोई निराकरण नही किया गया। इसलिए वह सभी विरोध व हड़ताल के लिए बाध्य हुए हैं। इसके बाद 2 फरवरी को समेत कई जिलों में अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से मीटिंग हुई इस मीटिंग में अतिरिक्त मुख्य सचिव महोदय को चिकित्सक महासंघ की मांगों से अवगत करा दिया है, एवं चिकित्सक संपर्क यात्रा और आंदोलन के बारे में भी अवगत करा दिया गया है।
कब से होगी हड़ताल ओ विरोध?
15 फरवरी से प्रदेशभर में सरकारी डॉक्टरों के द्वारा कार्यस्थलों पर अपनी मांगो के समर्थन में काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 16 फरवरी को 2 घंटे के लिए सभी चिकित्सीय कार्य बंद रखेंगें और फिर अगले दिन 17 फरवरी से पूर्ण कालिक रूप से सभी चिकित्सीय एवं प्रशासनिक कार्य बंद करके हड़ताल पर चले जायेंगे। इसमें प्रदशभर के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला चिकित्सालय, सिविल हॉस्पिटल और मेडिकल कालेजो के चिकित्सक शामिल रहेंगे।
ये हैं हड़ताल की तैयारी कर रहे डॉक्टरों की मांगे
प्रदेश के समस्त विभागों में कार्यरत समस्त चिकित्सकों के लिए डायनेमिक एश्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन (DACP) के आदेश जारी करें। म०प्र० में कार्यरत सभी चिकित्सीय संवर्ग पर ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) लागू करें एवं प्रशासनिक अधिकारियों की दखल अंदाजी रोकने हेतु उच्चतम पदों पर चिकित्सो की पदस्थापना के बारे निर्णय ले अन्यथा विवश होकर प्रदेश के सभी चिकित्सकों को इस आंदोलन के लिए अग्रेषित होना पड़ रहा है। जिसकी समस्त जबाबदारी शासकन प्रशासन की होगी।
इन्हें सौंप रहे ज्ञापन व प्रतिलिपि
प्रदेश स्तर के अलावा सभी जिलों में कलेक्टर, CMHO समेत मेडिकल कालेजों के प्रमुखों को डॉक्टरों द्वारा हड़ताल के संबंध में ज्ञापन सौंपे गए हैं और मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश शासन भोपाल मप्र, प्रदेश गृह मंत्री, प्रदेश चिकित्सा शिक्षा मंत्री, प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री, गैस राहत विभाग मंत्री, मंत्री श्रम विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ / चिकित्सा शिक्षा, अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह विभाग, अतिरिक्त मुख्य सचिव गैस राहत विभाग, प्रमुख सचिव श्रम विभाग, प्रमुख सचिव, चिकित्सा शिक्षा, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग, प्रमुख सचिव गृह विभाग, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा, आयुक्त, स्वास्थ्य विभाग, आयुक्त श्रम विभाग को ज्ञापनों कक प्रतिलिपि भी भेजी गई है।
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