Iabor Iaw In India: केंद्रीय श्रम एवं रोजगार तथा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले 9 वर्षों में असंगठित और संगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के लिए बहुत कुछ किया है।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की 9 वर्षों की उपलब्धियों के संबंध में आज नई दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश अब श्रम कानूनों को बदल रहा है, उनमें सुधार कर रहा है, उन्हें सरल बना रहा है। श्री यादव ने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए 29 श्रम कानूनों को 4 सरल श्रम संहिताओं में परिवर्तित किया गया है। उन्होंने कहा कि इससे न्यूनतम वेतन, नौकरी की सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सुरक्षा के माध्यम से श्रमिकों का सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा।

Iabor Iaw In India: श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गई विभिन्न योजनाये
श्री यादव ने श्रमिकों के कल्याण के लिए बनाई गई विभिन्न प्रमुख योजनाओं जैसे ई-श्रम पोर्टल, नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस), आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई), प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) को रेखांकित किया और बताया कि इन योजनाओं ने श्रमिकों को कैसे लाभान्वित किया है। श्री यादव ने कहा कि ई-श्रम पोर्टल असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटा बेस तैयार करने की प्रमुख पहलों में से एक है। पोर्टल पर कुल 28.93 करोड़ असंगठित श्रमिकों ने 400 से अधिक व्यवसायों में पंजीकरण कराया है। इसमें और व्यवसाय जोड़े जायेंगे। उन्होंने कहा कि ई-श्रम पोर्टल एनसीएस और स्किल इंडिया पोर्टल (एसआईपी) के साथ भी एकीकृत है।
Iabor Iaw In India: 2015 में नेशनल करियर सर्विस की शुरुआत
केंद्रीय मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि रोजगार से संबंधित विभिन्न सेवाएं डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने के लिए 2015 में नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) की शुरुआत की गई। उन्होंने कहा कि 31.05.2023 तक एनसीएस प्लेटफॉर्म पर नौकरी की तलाश में जुटे 3.20 करोड़ लोग पंजीकृत है, 11.25 लाख सक्रिय नियोक्ता हैं और 6.42 लाख सक्रिय रिक्तियां हैं। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत के बाद से 1.39 करोड़ से अधिक रिक्तियां जुटाई गई हैं। उन्होंने कहा कि इसे ई-श्रम, उद्यम और स्किल इंडिया पोर्टल (एसआईपी) के साथ जोड़ा गया है।
Iabor Iaw In India: ये प्रयास भी हुए
श्री यादव ने कहा कि रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और कोविड-19 महामारी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए 30.12.2020 को 22,810 करोड़ रुपये के व्यय के साथ वित्त वर्ष 2020-2024 की अवधि के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से संबद्ध आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (एबीआरवाई) शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि 30.05.2023 तक, 1,52,278 प्रतिष्ठानों ने 60.40 लाख लाभार्थियों के संबंध में 9382.16 करोड़ रुपये के लाभ का दावा किया है।
Iabor Iaw In India: असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए योजना
श्री यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) के तहत 31.05.2023 तक लगभग 44.33 लाख लाभार्थियों को नामांकित किया गया है। यह योजना असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को 60 साल की आयु के बाद 3000 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन का आश्वासन देते हुए 15 फरवरी, 2019 को शुरू की गई थी।
Iabor Iaw In India: एसएसपी व एनएसडब्ल्यूएस
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि श्रम कानूनों में पारदर्शिता और जवाबदेही लाते हुए, अनुपालन को सुगम बनाते हुए और लेनदेन की लागत को कम करके प्रभावी, कुशल और वास्तविक समय शासन को बढ़ावा देने के लिए श्रम सुविधा पोर्टल (एसएसपी) 16 अक्टूबर, 2014 को प्रारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि यह डीपीआईआईटी के नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम पोर्टल (एनएसडब्ल्यूएस) के साथ भी एकीकृत है, यह निवेशकों को एनएसडब्ल्यूएस पर सिंगल साइन-ऑन पर श्रम कानूनों के तहत लाइसेंस और पंजीकरण के लिए आवेदन करने में सक्षम बनाता है।
Iabor Iaw In India: विभिन्न नीतिगत सुधारों को भी रेखांकित किया
श्री यादव ने पिछले 9 वर्षों में श्रम संहिताओं के तहत गैर-अपराधीकरण, मातृत्व लाभ, नौकरी की तलाश में जुटे एससी/एसटी लोगों के लिए कल्याण और बीड़ी/सिने/गैर-कोयला खदान श्रमिकों के लिए श्रम कल्याण योजना जैसे विभिन्न नीतिगत सुधारों को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दो जीवित बच्चों के लिए अधिसूचित सवैतनिक मातृत्व अवकाश को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह और दो से अधिक बच्चों के लिए 12 सप्ताह कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि कमीशनिंग/गोद लेने वाली माताओं को पहली बार 12 सप्ताह का सवैतनिक मातृत्व अवकाश मिलेगा।
Iabor Iaw In India: ईएसआईसी में हुए प्रमुख बदलाव

केंद्रीय मंत्री ने पिछले नौ वर्षों में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में हुए प्रमुख बदलावों पर भी प्रकाश डाला। ईएसआई योजना के अंतर्गत शामिल जिलों की संख्या वर्ष 2014 में 393 से बढ़कर वर्तमान में 611 हो चुकी है। वर्ष 2014 में क्रमशः 2.03 करोड़ और 7.89 करोड़ बीमित व्यक्तियों और लाभार्थियों की संख्या की तुलना में वर्तमान में बीमित व्यक्तियों और लाभार्थियों की संख्या क्रमशः 3.10 करोड़ और 12.03 करोड़ हैं। अस्पतालों की संख्या वर्ष 2014 में 151 से बढ़कर 161 हो गई है, इसी तरह, औषधालयों की संख्या भी 1418 से बढ़कर 1502 हो चुकी है। वर्तमान में मेडिकल कॉलेजों की संख्या 8 हो चुकी है, जो कि वर्ष 2014 में 4 थी। एमबीबीएस सीटों की संख्या वर्ष 2014 में 400 से बढ़कर 950 हो चुकी है। एमडी/एमएस सीटों की संख्या वर्ष 2014 में 60 से बढ़कर 275 हो चुकी है। डीएनबी ब्रॉड स्पेशलिटी सीटें अब 81 हैं, जबकि वर्ष 2014 में ऐसी कोई सीट नहीं थी। वर्ष 2019 में योगदान दर 6.5% से घटकर 4 % हो गई। भविष्य में ईएसआईसी के विस्तार में अतिरिक्त 10120 बिस्तरों वाले 89 नए अस्पताल और 202 नए औषधालय शामिल हैं।
Iabor Iaw In India: ईपीएफओ में हुए प्रमुख बदलाव
ईपीएफओ में हुए प्रमुख बदलावों पर प्रकाश डालते हुए श्री यादव ने कहा कि ईपीएफओ की सदस्यता वर्ष 2014-15 में 15.84 करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 27.73 करोड़ हो गई। वर्ष 2014-15 में दावों का निपटान 130.21 लाख रुपये का हुआ, जो बढ़कर 390.97 लाख रुपये हो गया। वर्ष 2014-15 में प्रतिष्ठानों का कवरेज 8.61 लाख था और 2021-22 में यह बढ़कर 18.65 लाख हो गया। पेंशनभोगियों की संख्या वर्ष 2014-15 में 51.04 लाख थी, जो वर्ष 2021-22 में बढ़कर 72.73 लाख हो गई। श्री यादव ने कहा कि ईपीएफओ में हुए प्रमुख सुधारों में वर्ष 2014 में आरंभ किया गया यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) है, जिसमें प्रत्येक पीएफ सदस्य को यूएएन आवंटित किया जाता है, जो उनकी अनेक पीएफ खाता संख्याओं के लिए अंब्रेला खाते के रूप में कार्य करता है, एक ही नंबर के माध्यम से सभी सेवाओं का विस्तार करता है; ईपीएफ ग्राहकों को ई-पासबुक सुविधा प्रदान की जाती है जिसके माध्यम से पीएफ खाते में शेष राशि ऑनलाइन चेक की जा सकती है; इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से योगदान का ई-संग्रह जिसके परिणामस्वरूप नियोक्ताओं के लिए समय, प्रयास और धन की बचत हुई है; पेंशनभोगियों के लिए डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र शुरू किया गया, जिससे पेंशनभोगियों को जीवन प्रमाणपत्र जमा करने के लिए बैंकों या पीएफ कार्यालयों में स्वयं उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं रही है; पीएफ ग्राहकों की शिकायतों के तेजी से निपटान के लिए ऑनलाइन ईपीएफआईजीएमएस पोर्टल में बदलाव किया गया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में ईपीएफओ सेवाओं को यूनिफाइड मोबाइल एप्लिकेशन फॉर न्यू-एज गवर्नेंस (उमंग) प्लेटफॉर्म पर जोड़ा गया, जिसमें सदस्य अपनी ई-पासबुक देख सकते हैं, और अपने दावों को बढ़ा/ट्रैक आदि कर सकते हैं।
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