Mp News: जबलपुर से भोपाल और भोपाल (Bhopal) से जबलपुर (Jabalpur) के बीच हाईस्पीड बंदे भारत ट्रेनें (Bande Bharat train) शुरू हो गई हैं, लेकिन किराया अधिक होने के कारण जबलपुर से भोपाल तक पर्याप्त यात्री नहीं मिल पा रहे हैं। यात्री कम किराए पर जनशताब्दी से यात्रा करना पसंद करते हैं क्योंकि इस मार्ग पर पहले से ही जनशताब्दी हैं।
ऐसे में अब जबलपुर (Jabalpur) से वाराणसी (Varanasi) और जबलपुर से रायपुर के बीच इस नए रूट पर बंदे भारत ट्रेन चलाने की मांग उठ रही है। जानकारों का कहना है कि अगर इन दो नए रूटों पर वंदे भारत ट्रेनें चलती हैं तो दुर्ग जाने वाली अमरकंटक ट्रेनों का भी विकल्प मिल जाएगा। वर्तमान में भोपाल से दुर्ग के बीच चलने वाली अमरकंटक एक्सप्रेस जबलपुर से होकर गुजरती है, लेकिन एसईसीआर की इस ट्रेन में रैक न मिलने की समस्या हमेशा बनी रहती है। पिछले एक पखवाड़े से यह ट्रेन लगातार चार से पांच घंटे की देरी से चल रही है, जिसके कारण यात्रियों को कई बार अपना टिकट रद्द कराना पड़ रहा है. ब्रॉडगेज भी होगी कारगर जानकारों का कहना है, ब्रॉडगेज बनने के बाद जबलपुर से लंबी दूरी की कोई ट्रेन नहीं चल पाती थी।
जबलपुर से भोपाल और भोपाल से जबलपुर के बीच हाईस्पीड बंदे भारत ट्रेनें शुरू हो गई हैं, यात्री कम किराए पर जनशताब्दी से यात्रा करना पसंद करते हैं क्योंकि इस मार्ग पर पहले से ही जनशताब्दी हैं।
460 किलोमीटर का सफर जल्द पूरा होगा
जबलपुर से भोपाल रूट पर बंदे भारत ट्रेन शुरू होने के बाद इसे पर्याप्त यात्री नहीं मिल पा रहे हैं, जिसके चलते अब बंदे भारत ट्रेन को जबलपुर से गोंदिया होते हुए रायपुर तक ब्रॉड गेज पर चलाया जा सकता है, ताकि इस ट्रेन के अलावा ब्रॉड गेज की सुविधा मिल सके भी पूरा किया जाए. इस रूट पर वंदे भारत का सपना भी पूरा होगा। जानकारों का कहना है कि जबलपुर से इंदौर रूट पर कई दिन पहले वंदे भारत ट्रेन चलाने की घोषणा होने के बावजूद वंदे भारत ट्रेन नहीं होने के कारण यह पता चल रहा है। जबलपुर से वाराणसी. इस रूट पर भी ट्रेनें चल सकती हैं। इसके साथ ही दोनों मुख्यालयों के बीच एक नया रूट भी बनेगा और इस रूट पर सीधी ट्रेनें भी उपलब्ध होंगी। यह भी कहा जा रहा है कि जबलपुर से वाराणसी के बीच समय की पाबंदी, तकनीक और वंदे भारत ट्रेन की जरूरतों के लिहाज से यह ट्रेन काफी कारगर साबित हो सकती है। वहीं इस ट्रेन की स्पीड के हिसाब से जबलपुर से वाराणसी तक का 460 किलोमीटर का सफर जल्द पूरा किया जा सकेगा।
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