Ministry of coal: “कोयले की धुलाई – अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का दिल्ली में हुआ आयोजन; जानिए

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Ministry of coal: कोयला मंत्रालय (ministry of coal) के संरक्षण के तहत भारतीय राष्ट्रीय समिति विश्व खनन कांग्रेस (Indian National Committee World Mining Congress) ने “कोयले की धुलाई – अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर एक राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया।

इस सेमिनार में भारत में कोयला लाभ के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए उद्योग विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और हितधारक एक मंच पर आए हैं। इस सेमिनार ने ज्ञान के आदान-प्रदान, सहयोग को बढ़ावा देने और कोयला क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक विशिष्ट मंच उपलब्ध कराया है। अपने मुख्य संबोधन में कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीणा ने कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयले के लिए वाशरीज क्षमता बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा किया कि ऐसा होने से भारत कोयला आयात पर अपनी निर्भरता को बहुत कम कर सकता है और घरेलू कोयला लाभ को बढ़ावा दे सकता है।

उन्होंने कोयला उत्पादन को कुशलतापूर्वक बढ़ावा देने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियों को शामिल करने और नई खदानें खोलने पर जोर दिया। इसके अलावा, परिवहन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए अनेक रेलवे परियोजनाएं चल रही हैं और कोयला उद्योग के विकास में सहायता प्रदान करने के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान

कोयला मंत्रालय के अपर सचिव एम नागराजू ने कोयला धुलाई में तकनीकी अनुकूलनता के महत्व पर जोर किया। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक तकनीकों और कार्यप्रणाली को अपनाकर, कोयला क्षेत्र उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का अधिकतम उत्पादन कर सकता है और इस प्रकार भारत की ऊर्जा सुरक्षा और स्थिरता लक्ष्यों में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

देश की कोयला आवश्यकताओं को पूरा करना

कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) के अध्यक्ष पीएम प्रसाद ने अपने संबोधन में कोकिंग और गैर-कोकिंग कोयले दोनों की ही गुणवत्ता बढ़ाने में कोयला वाशरीज की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया और विभिन्न क्षेत्रों के लिए गुणवत्ता वाले कोयले की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने में कोयला वाशरीज के महत्व पर जोर दिया। स्वच्छ और अधिक कुशल कोयले की बढ़ती मांग को पहचानते हुए, उन्होंने आने वाले वर्षों में अतिरिक्त वाशरीज की स्थापना की कल्पना की। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य कड़े गुणवत्ता वाले मानकों को जारी रखते हुए देश की कोयला आवश्यकताओं को पूरा करना है।

भारत की स्थिति बनेगी मजबूत

डॉ. बी वीरा रेड्डी, निदेशक (टी) सीआईएल और सीएमडी सीसीएल, कोयला मंत्रालय ने कोयले को स्वच्छ बनाने और इसकी गुणवत्ता और दक्षता में सुधार लाने के लिए सेमिनार के उद्देश्य को स्पष्ट किया। उन्होंने अगले वर्ष से पड़ोसी देशों को कोयला निर्यात करने के मंत्रालय के दृष्टिकोण की भी जानकारी दी। इससे इस क्षेत्र में एक प्रमुख कोयला आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की स्थिति मजबूत बनेगी।

Ministry of coal: "कोयले की धुलाई - अवसर और चुनौतियाँ" विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का दिल्ली में हुआ आयोजन; जानिए
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घरेलू इस्पात उद्योग के लिए कोकिंग कोल

टाटा स्टील के कॉर्पोरेट मामलों के प्रमुख मनीष मिश्रा ने घरेलू इस्पात उद्योग के लिए कोकिंग कोल पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने इस्‍पात बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कोकिंग कोयले के उत्पादन में कोयले की धुलाई की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाते हुए, भारतीय कोयले की धोने योग्य विशेषताओं के बारे में एक व्यापक अवलोकन उपलब्ध कराया।

स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का उत्पादन

“कोयले की धुलाई – अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार ने क्षेत्र में तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देते हुए स्वच्छ और उच्च गुणवत्ता वाले कोयले का उत्पादन करने के लिए भारत के समर्पण पर जोर दिया है। अनुसंधान और विकास में निवेश, तकनीकी अनुकूलनता में सुधार और परिवहन बाधाओं को हल करके, भारत का लक्ष्य कोयला धुलाई की पूरी क्षमता को अर्जित करना और वैश्विक कोयला उद्योग में एक प्रमुख दिग्गज के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत बनाना है।

 

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