Maha kumbh 2025: हर 12 साल में आयोजित होने वाला तीर्थयात्रियों का विशाल समागम महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं की उच्च कोटि को दर्शाता है। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित 2025 का यह महाकुंभ विविध भाषा-भाषी क्षेत्रों से लाखों लोगों को लुभा रहा है।
इस विविधता के बीच, इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) सभी आगंतुकों को निर्बाध संचार और पहुंच सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत तैयार एक क्रांतिकारी पहल भाषिणी का लाभ उठा रहा है। जनवरी 2025 में, सेना दिवस के अवसर पर, रक्षा उत्पादन विभाग की नई भाषिणी-एकीकृत वेबसाइट 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराई गई। जनवरी 2025 में, ई-श्रम पोर्टल पर बहुभाषी कार्यशीलता शुरू की गई। ई-श्रम पोर्टल को अपग्रेड करने के लिए भाषानी परियोजना का लाभ उठाया गया, जो पहले केवल अंग्रेजी, हिंदी, कन्नड़ और मराठी में उपलब्ध था, अब इसमें 22 भारतीय भाषाएं भी शामिल की गई हैं।
अगस्त 2024 में, भाषिणी के सहयोग से विकसित बहुभाषी ई-ग्राम स्वराज मंच लॉन्च किया गया, जिसका उद्देश्य भाषा की बाधाओं से परे यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक नागरिक अपनी भाषा में आसानी से डिजिटल सेवाओं का उपयोग कर सके।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने कई भारतीय भाषाओं में तकनीकी पुस्तकों सहित स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पुस्तकों का अनुवाद करने के लिए अनुवादिनी ऐप का लाभ उठाया है। ये अनुवादित पुस्तकें ई-कुंभ पोर्टल पर उपलब्ध हैं।
भाषिणी के अनुवादिनी ऐप का इस्तेमाल
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग कई सरकारी फाइलों और रिपोर्टों के अनुवाद के लिए भाषिणी के अनुवादिनी ऐप का इस्तेमाल कर रहा है। इनमें एनईएसडीए-वे फॉरवर्ड, सीपीजीआरएएमएस से संबंधित मंत्रालयों/विभागों की रिपोर्ट, सीपीजीआरएएमएस से संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की रिपोर्ट, सीपीजीआरएएमएस की वार्षिक रिपोर्ट, शिकायत निवारण सूचकांक की रिपोर्ट, सचिवालय सुधार रिपोर्ट और विभाग की मासिक सारांश रिपोर्ट शामिल हैं। सीपीजीआरएएमएस इस विभाग के तहत देश का सबसे बड़ा शिकायत निवारण पोर्टल है जिस पर 22 भाषाओं में शिकायतें दर्ज की जा सकती हैं। कोई भी नागरिक सीपीजीआरएएमएस पर भाषिणी की मदद से अपनी क्षेत्रीय भाषा में शिकायत निवारण पा सकता है। हर साल 2.5 लाख शिकायतकर्ता इस सुविधा का उपयोग कर रहे हैं।
भाषिणी की प्रमुख उपलब्धियां
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प्रति माह 10 करोड़ से अधिक परिणाम: भाषिणी ने सफलतापूर्वक 10 करोड़ मासिक परिणाम की सीमा को पार कर लिया है, जो एआई भाषा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में इसकी बढ़ती पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है।
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50 से अधिक हितधारक शामिल: प्रमुख सरकारी निकायों (एनपीसीआई, आरबीआईएच, ग्रामीण विकास मंत्रालय, लोकसभा, राज्यसभा, आदि) और निजी क्षेत्र के भागीदारों सहित 50 से अधिक हितधारक अब भाषिणी के साथ सह-कार्य कर रहे हैं।
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700,000 से अधिक मोबाइल ऐप डाउनलोड: भाषिणी-संचालित मोबाइल ऐप को 700,000 से अधिक बार डाउनलोड किया गया है, जो इसकी व्यापक स्वीकृति और पहुंच को दर्शाता है।
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100 से अधिक उपयोग के मामले: भाषिणी 100 से अधिक विविध उपयोग मामलों में मदद करता है, जो उद्योगों और क्षेत्रों में मंच की अनुकूलनशीलता को प्रदर्शित करता है।
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22 से अधिक भाषाओं का समर्थन: भाषिणी वर्तमान में 22 से अधिक भाषाओं में काम करती, जिससे व्यापक श्रेणी के भाषाई समुदायों के लिए समावेशिता संभव हो पाती है।
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300 से अधिक एआई-आधारित मॉडल: यह प्लेटफॉर्म 300 से अधिक एएआई-आधारित भाषा मॉडल पेश करता है, जो एआई भाषा प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अत्याधुनिक समाधानों के विकास को आगे बढ़ाता है।
भाषिणी के जीते गए पुरस्कार और प्रशंसा
भाषिणी के योगदान को विभिन्न मंचों पर सराहा गया है, जिसमें एआई, डिजिटल बदलाव और समावेशिता में यह अग्रणी रहा है। भाषिणी के जीते पुरस्कारों और सम्मानों में शामिल हैं:
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एक्सप्रेस कंप्यूटर की ओर से डिजिटल ट्रेलब्लेज़र पुरस्कार: भारत में एआई परितंत्र में उत्कृष्ट योगदान।
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ईएलईटीएस आत्म निर्भर पुरस्कार: सरकारी विभागों की ओर एआई, एमएल और आईओटी पहलों के लिए डिजिटल गवर्नेंस की श्रेणी के तहत प्रदान किया गया।
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वर्ष का इम्पैक्ट लीडर: वैश्विक स्पिन नवाचार शिखर सम्मेलन 2024।
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एआई, परिवर्तन निर्माता और नवाचार में नेतृत्व पुरस्कार : एआई-संचालित नवाचार और नेतृत्व में उत्कृष्टता को मान्यता देना।
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एआई, डेटा एनालिटिक्स और प्रेडिक्टिव टेक्नोलॉजीज के लिए ईटी गवर्नमेंट अवार्ड: साक्षरता, भाषा और डिजिटल विभाजन को कम करने के लिए मान्यता।
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ईएलईटीएस शिक्षा नवाचार पुरस्कार: एआई के माध्यम से सुलभ और समावेशी शिक्षा प्रदान करने के लिए।
भाषिणी के पीछे की तकनीक
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भाषिणी अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का लाभ उठा रही है:
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एआई और एनएलपी एल्गोरिदम: सटीक अनुवाद और अनुकूली भाषा मॉडल का निर्माण करना।
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क्लाउड-आधारित अवसंरचना: बड़े आंकड़ों के प्रबंधन के लिए मापनीयता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है।
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सहयोगात्मक डेटा पूलिंग: भाषा मॉडल को निरंतर परिष्कृत करने के लिए विभिन्न हितधारकों के योगदान किए गए खुले डेटासेट का उपयोग करता है।
डिजिटल इंडिया और भाषिणी का विज़न
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भाषिणी भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के डिजिटल इंडिया दृष्टिकोण को साकार करती है। भाषाई विविधता का समाधान करके यह डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देता है, जिससे नागरिकों को अपनी पसंदीदा भाषा में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, शासन और अन्य जरूरी सेवाओं का लाभ प्राप्त करने में मदद करती है।
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भाषिणी का विज़न “भाषा अवरोधों को दूर करने के उद्देश्य से योगदानकर्ताओं, साझेदार संस्थाओं और नागरिकों के विविध परितंत्र को सक्षम करने के लिए प्राकृतिक भाषा प्रौद्योगिकियों का उपयोग करना है, जिससे आत्मनिर्भर भारत में डिजिटल समावेशन और डिजिटल सशक्तिकरण सुनिश्चित हो सके।”